भगवान हनुमान, जिन्हें बजरंगबली और महावीर भी कहा जाता है, का जन्म भगवान शिव और देवी अंजनी के यहाँ हुआ था। अंजनी माता की कठिन तपस्या से भगवान शिव ने हनुमान के रूप में उन्हें आशीर्वाद दिया। उनका जन्म वैसा ही अद्भुत और दिव्य था जैसे उनकी शक्तियाँ। हनुमान का जन्म एक रक्षात्मक उद्देश्य से हुआ था, ताकि वे राक्षसों का नाश कर सकें और धर्म की स्थापना में मदद कर सकें।
हनुमान जी के बचपन में ही उनके अद्भुत कार्यों की शुरुआत हो गई थी। एक दिन, उन्होंने सूरज को ही फल समझकर निगल लिया था। इसे देखकर देवता और अन्य लोग हैरान रह गए। भगवान इंद्र ने उन्हें दंड देने के लिए वज्र से प्रहार किया, लेकिन हनुमान जी को यह चोट नहीं पहुंची। इसके बाद, भगवान ब्रह्मा ने उन्हें वरदान दिया कि वे अजेय और अमर होंगे।
हनुमान जी की भगवान राम के प्रति भक्ति का कोई मुकाबला नहीं है। जब राक्षसों ने सीता माता का अपहरण किया, तो हनुमान जी ने भगवान राम की मदद के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया। उन्होंने समुद्र को पार कर लंका पहुंचकर सीता माता का संदेश भगवान राम तक पहुंचाया। उनके इस अद्वितीय साहस और भक्ति को देखकर भगवान राम ने उन्हें गले लगाया और उनकी महिमा का बखान किया।
हनुमान जी ने कई बार राक्षसों से युद्ध किया, लेकिन उनकी शक्ति और सामर्थ्य का कोई तोड़ नहीं था। जब रावण ने भगवान राम के साथ युद्ध शुरू किया, तब हनुमान जी ने राक्षसों का संहार किया। उन्होंने राक्षसों के राजा रावण और उसके अधीन सभी योद्धाओं को पराजित किया। हनुमान जी के द्वारा किए गए कारनामों ने उन्हें एक महान योद्धा और परम भक्त के रूप में स्थापित किया।
राम-रावण युद्ध के दौरान जब लक्ष्मण जी घायल हुए, तब हनुमान जी ने संजीवनी बूटी लाने का साहसिक कार्य किया। लंका के पर्वत से संजीवनी बूटी को लाकर उन्होंने लक्ष्मण जी की जान बचाई। यह घटना उनके अद्भुत बल और समर्पण को दर्शाती है।
हनुमान जी केवल वीर योद्धा नहीं थे, बल्कि वे एक महान भक्त भी थे। भगवान राम के प्रति उनकी भक्ति अपार थी। उन्होंने न कभी भगवान राम से कुछ मांगा और न ही अपनी शक्तियों का दुरुपयोग किया। उनकी भक्ति और समर्पण ने उन्हें भक्तों के दिलों में एक विशेष स्थान दिलवाया। वे न केवल भगवान राम के प्रिय थे, बल्कि पूरे ब्रह्मांड में उनकी शक्ति और ज्ञान का आदर किया जाता है।
आज भी हनुमान जी की पूजा पूरी दुनिया में श्रद्धा और भक्ति के साथ की जाती है। उनका नाम लेते ही हर व्यक्ति के मन में शक्ति और साहस का संचार होता है। हनुमान जी की पूजा से भय, संकट, और दुखों का नाश होता है। वे उन सभी लोगों के संरक्षक हैं जो जीवन में अपने कर्तव्यों को निभाने के लिए ईमानदारी से प्रयासरत हैं। हनुमान चालीसा का पाठ करना विशेष रूप से लाभकारी माना जाता है, क्योंकि यह व्यक्ति को मानसिक और शारीरिक शक्ति प्रदान करता है।