हैदराबाद विश्वविद्यालय का जंगल 

The Green Legacy

हैदराबाद को ‘पहाड़ों और झीलों का शहर’ कहा जाता था। आज ये जंगल 40% सिकुड़ चुके हैं  

स्रोत: The Hindu, 2023) 

The Crisis Unfold

मार्च 2025 में, हैदराबाद के 'फेफड़े' कहे जाने वाले 400 एकड़ के जंगल को काटकर IT पार्क बनाने का काम शुरू हुआ। 3 दिन में 2 वर्ग किमी हरियाली मिट गई। छात्रों के विरोध और सुप्रीम कोर्ट के हस्तक्षेप के बावजूद, सरकार ने कहा—'यह ज़मीन विकास के लिए ज़रूरी है। 

The Green vs. Grey Conflict

सरकार का दावा: ₹50,000 करोड़ निवेश, 5 लाख नौकरियाँ। प्रदर्शनकारियों का सवाल: क्या विकास की कीमत जंगल और जीवन होगी? ज़मीन का विवाद: 'कंचा पोरम्बोके' (बंजर) या 'जंगल'? सरकारी रिकॉर्ड्स और सुप्रीम कोर्ट के बीच ठन गई! 

The Ecological Toll

इस जंगल में 20 करोड़ साल पुरानी चट्टानें, दुर्लभ पौधे, और 3 झीलें थीं। विशेषज्ञों का डर—'यहाँ के वन्यजीव विलुप्त होंगे, हैदराबाद का पानी और हवा ज़हर हो जाएगी। 

Political Chessboard

कांग्रेस सरकार पर BRS और BJP का हमला—'पर्यावरण विरोधी नीतियाँ!' केंद्र ने भी रिपोर्ट माँगी। मंत्रियों की कमेटी बनी, पर छात्रों को संदेह—'ये सिर्फ़ दिखावा है!' 

Students vs. State

यूनिवर्सिटी ऑफ़ हैदराबाद के छात्रों ने कहा—'हमारी पढ़ाई और जंगल दोनों बचाना है!' 53 छात्र हिरासत में। ABVP और वामदलों ने भी विरोध जताया। 

सुप्रीम कोर्ट ने कहा—'100 एकड़ में 3 दिन में पेड़ काटना चिंताजनक! यहाँ हिरन, मोर, जंगली सूअर रहते थे।' चीफ सेक्रेटरी से पूछा—'इतनी जल्दी क्यों? पर्यावरण मंजूरी कहाँ है?' 

Supreme Court’s Stern Warning

What’s Next?

16 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट में फैसला: क्या जंगल बचेगा या IT पार्क? केंद्रीय कमेटी की रिपोर्ट आने वाली है। छात्रों की चेतावनी—'अगर जंगल नहीं बचा, तो हैदराबाद का भविष्य अंधेरा है।