जब शिवजी की गंभीरता देख माता ने धारण किया तेजस्वी रूप, जिससे हुआ विवाह का अनुपम स्वरूप।
करुणा से पूरित होकर भी रौद्र रूप में करती हैं दुष्टों का नाश
न्याय और रक्षण का प्रतीक बनकर करती हैं पापियों का संहार।
शक्ति का स्पर्श, और मन में भरता है दिव्यता का उत्कर्ष।
श्रद्धा, दूध, दही और सफेद वस्त्रों से करें अर्पण, मंत्रों और आरती से क