मुगलों व आदिलशाही से टकराकर साहसिक नेतृत्व किया।
स्वराज्य का सपना देखा और उसे साकार किया।
गुरिल्ला युद्ध और रणनीति में निपुण थे।
मातृभूमि के लिए जीवन अर्पित किया।
महिलाओं की सुरक्षा और सम्मान के प्रति समर्पित रहे।
न्याय, सुशासन और जनकल्याण को प्राथमिकता दी।
राज्य में एकता और सौहार्द बनाए रखा।
स्वयं अनुशासित रहे और सेना को सशक्त किया।
कठिन समय में भी डरने की बजाय मजबूत फैसले लिए।
प्रजा के हित को सर्वोपरि रखा।
कठिनाइयों के बावजूद कभी हार नहीं मानी।
अपने सैनिकों को परिवार जैसा मानते थे, उनका मनोबल हमेशा ऊँचा रखते थे।
हर परिस्थिति को समझकर निर्णय लेते थे, जिससे दुश्मन चकित रह जाता था।
कठिन समय में भी डरने की बजाय मजबूत फैसले लिए।