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– जन्म: 12 जनवरी 1598 – पिता: लाखुजी जाधव – पति: शाहजी भोंसले – स्वाभिमानी, वीर और धर्मपरायण महिला थीं। – स्वराज्य का सपना जीजाबाई ने ही शिवाजी के मन में बोया था।
– धार्मिक शिक्षा में गहरी रुचि। – रामायण, महाभारत और भारतीय इतिहास की कहानियों से शिवाजी को प्रेरित किया। – धर्म, न्याय और स्वाभिमान का पाठ पढ़ाया।
– बालक शिवाजी को राष्ट्रभक्ति की भावना से ओतप्रोत किया। – शौर्य, संयम और नीति का बीज बोया। – वीरता और नेतृत्व की शिक्षा दी।
– "स्वराज्य हमारा जन्मसिद्ध अधिकार है" — यही विचार जीजाबाई ने शिवाजी में रोपा। – उन्होंने शिवाजी को संघर्ष, साहस और धैर्य का मार्ग दिखाया।
– तोरणा किले की विजय के बाद, जीजाबाई ने शिवाजी को आशीर्वाद दिया। – राज्याभिषेक के समय जीजाबाई का स्वप्न साकार हुआ। – उन्होंने हमेशा शिवाजी को सही मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित किया।
– बिना जीजाबाई के, शिवाजी महाराज का इतिहास अधूरा होता। – आज भी जीजाबाई त्याग, शिक्षा और राष्ट्रभक्ति की प्रतीक हैं। – जय भवानी! जय शिवाजी!